ईंट भट्ठा मालिक की मनमानी रोकने की गुहार

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अनुमंडल क्षेत्र में संचालित ईट भट्ठा के मालिक सरकारी प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। ईट-भट्ठा पर सीजन में जहां बाल श्रमिकों से धड़ल्ले से काम लिया जाता है। वहीं मुख्य सड़क के किनारे संचालित ईट-भट्ठा के मालिक सड़क की जमीन का अवैध रूप से अतिक्रमण कर सड़क के किनारे मिट्टी, ईट एवं टुकड़े का ढेर जमा कर मुख्य सड़क को काफी संकीर्ण बना दिया है। इससे वहां हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। बावजूद संबंधित विभाग के पदाधिकारी की उदासीनता व लापरवाही से कोई भी विभागीय कार्रवाई नहीं किए जाने से इन ईट-भट्ठा मालिकों का मनमानापन दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने अबिलंव इस पर रोक लगाने की मांग अनुमंडल पदाधिकारी उदाकिशुनगंज से की है। मालूम हो कि पुरैनी प्रखंड एवं आसपास के क्षेत्रों मे लगभग एक दर्जन ईंट-भट्ठा संचालित है। सरकारी प्रावधान के अनुसार चिमनी स्थल पर भट्ठा का नाम, अनुज्ञप्ति संख्या, किए गए मिट्टी भंडारण का विवरण, ईट का भंडारण, काम पर लगाए लगे श्रमिकों की संख्या, ईंट की श्रेणीवार मूल्य प्रति हजार सहित अन्य जानकारी से संबंधित बोर्ड लगाना अनिवार्य है। लेकिन इस क्षेत्र में संचालित एक भी ईट-भट्ठे पर ऐसा बोर्ड कहीं भी देखने को नहीं मिलता है। इतना ही नहीं ईट की कीमत में भी कहीं भी समानता नही देखी जा रही है। भट्ठा मालिक मनमाने कीमत पर ईंट की बिक्री कर दिन-रात ग्राहको का शोषण कर रही है। भट्ठा पर जहां बाहरी मजदूर से काम कराया जाता है। वहीं बाल श्रमिक भी खुलेआम दिन भर ईंट निर्माण कार्य करते दिखाई देते हैं। साथ ही चिमनी से निकलने वाले काले जहरीले धुंए से पार्यावरण पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। चिमनी से निकलने वाले कार्बन मोनोक्साइड गैस के कुप्रभाव से आसपास की हरियाली भी समाप्त होती जा रही है। इसके कुप्रभाव को कम करने तथा पार्यावरण का संतुलन बरकरार रखने के लिए सरकारी प्रावधान के अनुसार चिमनी स्थल पर वृक्ष लगाना अनिवार्य है। लेकिन इस क्षेत्र में संचालित ईट-भट्ठे पर ऐसा कहीं भी दिखाई नही देती है। स्थानीय दर्जनों समाजसेवियों ने अनुमंडल पदाधिकारी उदाकिशुनगंज से इस क्षेत्र मे संचालित ईंट-भट्ठा का औचक निरीक्षण कर ईट-भट्ठे मालिक के मनमानेपन पर रोक लगाने की मांग की है।