एसोसिएशन के मुताबिक संचालन पर लगी रोक हट जाने से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हो रहे 350 ईंट भट्ठा के मालिकों व संबंधित भट्ठा पर काम कर रहे एक लाख से अधिक कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। लगातार बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश पाए जाने के लिए केंद्र सरकार ने धड़ल्ले से संचालित हो रहे ईंट भट्ठा पर रोक लगाए जाने का निर्देश दिया था। निर्देश में कहा गया था कि भट्ठा संचालन के लिए भट्ठा मालिकों को पर्यावरण विभाग से एनओसी प्रमाणपत्र लेना होगा। इसके विरोध में भट्ठा संचालकों ने लगभग चार माह पूर्व से काम ठप कर हड़ताल शुरू कर दी थी। साथ ही न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। संचालकों का कहना था कि केंद्र सरकार ने ऐसा निर्देश जारी कर ईंट भट्ठा संचालकों का उत्पीडन किया है। बताते चयलें कि जिले में लगभग 350 ईंट भट्ठे का संचालन हो रहा है। इन भट्ठों पर एक लाख से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। हड़ताल के चलते इन कर्मचारियों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। इस बीच भट्ठा एसोसिएशन जिलाध्यक्ष श्रीराम वर्मा के मुताबिक बीते दिनों केंद्र सरकार ने एनओसी प्रमाणपत्र की बाद्धता के निर्देश को वापस ले लिया। इससे ईंट भट्ठा संचालकों व उन पर कार्य करने वाले कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।