ग्रेटर नोएडा में होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड ने अपना प्लांट बंद कर दिया है और क़रीब 1000 मज़दूरों को वीआरएस देकर या राजस्थान के टपूकड़ा के नए प्लांट में ट्रांसफ़र कर इतिश्री भले कर ली हो लेकिन मज़दूरों ने कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मज़दूरों का आरोप है कि कंपनी ने ज़बरदस्ती वीआरएस के फ़ार्म पर साइन करा लिया और साथ में अनुभव सर्टिफिकेट में अनफिट करार दे दिया है। ज्ञात हो कि कंपनी में क़रीब 2,000 मज़दूर परमेंट थे, जबकि इससे दुगनी संख्या में कांट्रैक्ट लेबर थे। मज़दूरों ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि कि कंपनी ने साल भर पहले भी भारी संख्या में मज़दूरों को वीआरएस देकर निकाला था। स्थाई मज़दूरों की निकालने की प्रक्रिया बीती जनवरी में ही शुरू कर दी थी। लेकिन मज़दूरों का आक्रोश इस बात को लेकर है कि मैनेजमेंट ने वीआरएस की राशि अलग अलग दी है और साथ में अनफिट बताया है।